SOMETHING ABOUT CREATURES ON EARTH जो बागों की बहारें है छाये चारों तरफ अंधेरे है, यहां सब अपने लिए जीते है न तेरे है,न मेरे है। कुछ लोग एक आंधी की तरह जिन्दगी में आते है दो पल की खुशियां लेकर आते है, दो चार दिन दिल बहलाकर बहुत से दुःख दे जाते है, यहां सब अपने लिए जीते है न तेरे है न मेरे है। अब उन लोगों से क्या गिला-शिकवा करूं जो हर वक्त मुझे नीचा दिखाने की कोशिश करते है, जब इससे काम नहीं चलता तो दूसरे नए षडयंत्र रचते है, इसलिए कहता हूं संभालजा परिंदे यहां सब अपने लिए जीते है न तेरे है न मेरे है। मैने तो इन पर भरोसा किया लेकिन मुझे ही दुःख के जहर का प्याला पीने को दिया, पीठ पीछे तो सब मलहम लगाने की बात करते है वरना मरते इंसान को देखकर सब तमासा देखते है अभी भी समय है संभलजा परिंदे यहां सब अपने लिए जीते है न तेरे है न मेरे है।